Thursday, May 30, 2013

पाजी हुआ है

वामपंथियों और कांग्रेसियों ने भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को शर्मनाक बताने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है… क्रूर, अत्याचारी और अनाचारी मुगल शासकों के गुणगान करने में इन लोगों को आत्मिक सुख की अनुभूति होती है। लेकिन यह मामला उससे भी बढ़कर है, एक मुगल आक्रांता, जो कि समूचे भारत को “दारुल-इस्लाम” बनाने का सपना देखता था, की कब्र को दरगाह के रूप में अंधविश्वास और भेड़चाल के साथ नवाज़ा जाता है, लेकिन इतिहास को सुधार कर देश में आत्मगौरव निर्माण करने की बजाय हमारे महान इतिहासकार इस पर मौन हैंhttp://hindurashtra.in/?p=706 पूरी पोस्ट यहाँ पढ़े     http://hindurashtra.in/?p=706

जय बाबा बनारस ...

Wednesday, May 29, 2013

हिजाब

म्यांमार में मुस्लिम दो से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर सकते ; यूरोप में सड़क पर नमाज नहीं पढ़ सकते हैं ; फ्रांस में हिजाब नहीं पहन सकते ;चीन में रोजे के समय दोपहर का खाना खाना जरूरी नमाज नहीं पढ़ सकते हैं ..........जापान मैं इनको जापान की नागरिकता नहीं मिल सकती ,रूस के पुतिन का कहना है की रूस को इनकी जरुरत नहीं है इन को रूस की जरुरत है ....

और भारत में ...........आप जानते ही होंगे ......................

जय बाबा बनारस ....

Friday, May 24, 2013

धर्म हिंसा तथैव च:


""अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च: l"
अब कहा जा रहा है कि ‘साध्वी, असीमानंद और कर्नलपुरोहित के खिलाफ सबूत नहीं मिल रहे. अरे भाई जब सबूत नहीं मिल रहे तों उनको रिहा करो. कब तक अमानवीय तरीके से उन्हें जेल में बंद रखोगे.
जय बाबा बनारस ....

Thursday, May 23, 2013

अपनी दुनिया में मस्त हैं..

एक बार एक कसाई के पास उसका एक दोस्त उससे मिलने गया. वहा उसने देखा कि एक बड़े से पिंजरे नुमा घर में ढेर सारे बकरे कैद हैं और आपस में बड़े ही मस्ती के साथ खेल रहे हैं, और उसी पिंजरे से वह् कसाई एक एक करके बकरे को बाहर निकाल कर उसे काट रहा है, और उसका मांस बेच रहा है.

उस कसाई के दोस्त को यह नजारा बड़ा ही हैरान करने वाला लगा कि सारे बकरे पिंजरे कि जाली के माध्यम से अपने साथी बकरे को एक एक करके कसाई के द्वारा कटते देख् रहे हैं फिर भी वे खुश लग रहे हैं, और एक दुसरे के साथ खेलने में मशगूल हैं.

दोस्त ने कसाई से पूछा कि भाई ऐसा क्यों है , तो कसाई ने बताया कि, मैंने हर बकरे को अकेले में उसके कान में कह दिया है कि , भाई मैं सारे बकरे को हलाल करूँगा लेकिन तुम्हे छोड़ दूँगा.तुम्हे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाउंगा , इसलिए तुम बिलकुल चिंता मुक्त हो कर खेलो और खुश रहो. और इसी वजह से ये सारे के सारे खुश हैं, किसी भी प्रकार का भय और विद्रोह कि भावना इनके मन में नही है.

कुछ इसी प्रकार की गलतफहमी हम आम आदमियों को हो गई है. हममें से ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि इस व्यवस्था पर मेरी पकड़ है, पहुँच है, इस लिए बाकी लोगों को परेशानी होगी मुझे नहीं.

इस व्यवस्था के जो फयदा उठने वाला शक्तिशाली वर्ग है, जिसमे सरकार, समाज के बड़े-बड़े पैसे वाले, और हर धर्म और जाती के बड़े बड़े सामंत हैं वे हमें इसी प्रकार के गलतफहमी में डाल रखे हैं. और हम इनके साज़िश में आ कर बेपरवाह हैं. और एक एक करके हम आम आदमी अपने साथियों को इस व्यवस्था के द्वारा हलाल होते देख् रहे हैं फिर भी खुश हो कर अपनी दुनिया में मस्त हैं..


जय बाबा बनारस ....

Tuesday, May 21, 2013

अमिताभ ठाकुर

क्या आप अमिताभ ठाकुर को जानते हैं। अगर नहीं जानते तो जानना चाहिए। अमिताभ ठाकुर जीनियस हैं। आईआईटी के इंजीनियर हैं, लेकिन उन्होंने देश सेवा की गरज से सिविल सर्विसेज में हाथ आजमाया और आईपीएस बन गए। अमिताभ आईआरडीएस नाम की सामजिक संस्था के अध्यक्ष भी हैं जो शिक्षा, न्यायिक सुधार और मानावाधिकार जैसे मामलों में सक्रिय है। यही नहीं अमिताभ ठाकुर बेहतरीन लेखक और कवि भी हैं।
सामाजिक सरोकारों से जुड़े हर मुद्दे पर ये क़ानूनी लड़ाई लड़ते रहे हैं और इनके सारे परिवार ने देशद्रोहियों और भ्रष्ट्राचारियो के खिलाफ जंग छेड़ रखी हैं जिसमे इनकी पत्नी नूतन ठाकुर और बच्चे तान्या ठाकुर आदित्य ठाकुर शामिल हैं| ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण के खिलाफ इनके बच्चो ने लखनऊ की कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया, अश्लील गाने के खिलाफ हनी सिंह के खिलाफ इन्होने एफआईआर दर्ज करवाई| निर्मल बाबा जैसे ढोंगियों के खिलाफ भी इन्होने मुकदमा दर्ज करवाया अभी आज इन्होने फेसबुक पर गौहत्या के लिए उकसाने वाले एक ग्रुप के खिलाफ भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई| सामाजिक सरोकार से जुड़े मामलो में इनके परिवार ने बिना किसी डरे और दबाव में आये सैकड़ो मामले क़ानूनी तरीके से उठाये और भ्रष्ट्राचारियो और देशद्रोहियों की नाक में दम कर दिया| भ्रष्ट्राचारी इनके परिवार के नाम से डरते हैं और इनके परिवार को ही बागियों का परिवार कहा जाता हैं|
यहाँ तक की इन्होने जस्टिस काटजू के खिलाफ भी एक्शन लिया और उनको भी उनके उटपटांग बयानों के लिए नोटिस भिजवाया| आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने यह साबित किया की सिस्टम में रहकर सिस्टम से जंग कैसे लड़ी जाती हैं इन्होने पुलिस में भी व्याप्त असमानताओ पर भी सवाल उठाया और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की| हमें अमिताभ ठाकुर और उनके पुरे परिवार पर गर्व हैं और ऐसे देशभक्त परिवार को हम तहेदिल से नमन और आभार प्रकट करते हैं, आप सभी से निवेदन हैं की उनकी इस जंग में सब लोग मिलकर साथ दे|


जय बाबा बनारस ....

Monday, May 20, 2013

ब्राह्मणों का अनादर

इस पोस्ट का आशय सिर्फ कुछ अतिवादियों को आइना दिखाना है न की जातिवाद को बढ़ावा देना .. गीता के चौथे अध्याय में कर्म से ब्राम्हण होने को कहा गया है देखते हैं कुछ कर्मयोगी ब्राम्हणों की गाथा ...

आजकल ब्राह्मणों का अनादर करना हमारे हिन्दू धर्म 
में फैसन बन गया है । जबकि भारत के क्रान्तिकारियो मे 90% क्रान्तिकारी ब्राह्मण थे जरा देखो कुछ मशहूर ब्राह्मण क्रान्तिकारियो के
नाम ब्राह्मण स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी
(१) चंद्रशेखर आजाद
(२) सुखदेव
(३) विनायक दामोदर सावरकर( वीर सावरकर )
(४) बाल गंगाधर तिलक
(५) लाल बहाद्दुर शास्त्री
(६) रानी लक्षमी बाई

 (७) डा. राजेन्द्र प्रसाद
(८) पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल
(९) मंगल पान्डेय
(१०) लाला लाजपत राय
(११) देशबन्धु डा. राजीव दीक्षित
(१२) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

 (१३) शिवराम राजगुरु
(१४) विनोबा भावे
(१५) गोपाल कृष्ण गोखले
(१६) कर्नल लक्ष्मी सह्गल ( आजद हिंद फ़ौज
की पहली महिला )
(१७) पण्डित मदन मोहन मालवीय,

 (१८) डा. शंकर दयाल शर्मा
(१९) रवि शंकर व्यास
(२०) मोहनलाल पंड्या
(२१) महादेव गोविंद रानाडे
(२२) तात्या टोपे
(२३) खुदीराम बोस

 (२४) बाल गंगाधर तिलक
(२५) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
(२६) बिपिन चंद्र पाल
(२७) नर हरि पारीख
(२८) हरगोविन्द पंत
(२९) गोविन्द बल्लभ पंत

 (३०) बदरी दत्त पाण्डे
(३१) प्रेम बल्लभ पाण्डे
(३२) भोलादत पाण्डे
(३३) लक्ष्मीदत्त शास्त्री
(३४) मोरारजी देसाई
(३५) महावीर त्यागी

 (३६) बाबा राघव दास
(३७) स्वामी सहजानन्द सरस्वती हमारे इस पोस्ट का ध्येय जातिवाद
बढ़ाना नहीं बल्कि सिर्फ आईना दिखाना है ध्यान रहे।।।।


जय बाबा बनारस .....

Friday, May 17, 2013

वापिस इनको भेजेगा कौन ?

मुस्लिम रेजिमेंट या मुस्लिम राईफल्स नाम क्यूँ नहीं है.
आपको पता है की भारतीय सेना में सभी तरह के रेजिमेंट फ़ोर्स हैं जैसे की
राजपुताना राईफल्स, राजपुताना रेजिमेंट, सीख राईफल्स, सीख रेजिमेंट मराठा रेजिमेंट, गुजरात राइफल्स, जाट रेजिमेंट, इसी तरह के सभी राज्यों के आधार पर रेजिमेंट बनायें गए हैं और उस रेजिमेंट में वही सेना है
जिस नामसे वो रेजिमेंट बनाया गया है. दोस्तों क्या आपको पता है मुस्लिम रेजिमेंट या मुस्लिम राईफल्स नाम क्यूँ नहीं है.
कहानी तो बहुत लंबी है संक्षिप्त में बता रही हूँ...
1965 में जब पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था उस वक्त मुस्लिम रेजिमेंट और मुस्लिम राईफल्स को हमला करने के आदेश जारी किये उस वक्त मुस्लिम रेजिमेंट और मुस्लिम राईफल्स ने पाकिस्तान परहमला करने से साफ़ मना कर दिया था और लगभग बीस हज़ार मुस्लिम सेना ने पाकिस्तान के सामने अपने
हथियार दाल दिए थे जिस वजह से उस वक्त भारत को काफि मुश्किलों सामना करना पड़ा था क्यूँ की मुस्लिम राईफल्स और मुस्लिम रेजिमेंट के ऊपर बहुत ज्यादा यकीन कर के इनको भेजा गया था. लेकिन इसके बाद इन दोनों को हटा दिया गया उसके बाद 1971 में पाकिस्तान के साथ फिर युद्ध हुआ उस वक्त
सेना में एक भी मुस्लिम नहीं था उस वक्त भारत ने पाकिस्तान के नब्बे हज़ार सेना के हथियार डलवा कर उनको बंदी बना लिया था और लिखित तौर पर आत्मसमर्पण करवाया था ।।
तब से लेकर आज तक भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट या मुस्लिम राईफल्स नाम की कोई सेना नही है. मुस्लिम रेजिमेंट ने सन 65 मे पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ने से साफ़ इंकार कर दिया,.
इस वजह से इनकी पूरी की पूरी रेजिमेंट पर ही बैन लगा दिया गया, और पूरे रेजिमेंट को ही खत्म कर दिया गया, क्योंकि भारत की असली जंग तो हमेशा ही पाकिस्तान के साथ होती है, और फिर यदि जंग के अहम मौके पर आकर कोई
रेजिमेंट जंग लड़ने से मना कर देगी फिर उसे रखने से क्या फायदा?


५ करोड़ बंगला देशी भारत में
कांग्रेस गूंगी
भारतीय जनता पार्टी ने रखा मौन !
वापिस इनको भेजेगा कौन ?


जय बाबा बनारस .....

Thursday, May 16, 2013

खलनायक सुपरहिट


संजय दत्त का जन्म अपने समय के स्टार एक्टर सुनील दत्त और नर्गिस दत्त के घर 29 जुलाई 1959 को हुआ था। बचपन से वे अपने मां, बाप के बहुत लाडले थें। इनकी पढ़ाई लौरेन्स स्कूल सनावर मे हुई थी। उनकी जिंदगी किसी बिगड़े हुए रईस जादे का ठोकर खाकर संभले हुए व्यक्ति और अनुभव के साथ सुलझे हुए अभिनेता बनने की एक फिल्मी कहानी सी है।
अपने जीवन मे कभी अपनी नाकाम शादियों, कभी नशे की लत तो कभी आतंकवादियों से संबंध और हथियार रखने के आरोप के मामलों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने के बावजूद संजय ने अपने जीवन मे जबरदस्त वापसी की है। संजय दत्त ने 1972 में चाईल्ड एक्टर के रूप में फिल्म 'रेशमा' और 'शेरा' से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। 1981 में फिल्म 'रॉकी' से करियर की शुरूआत करने वाले संजय दत्त को 1993-1994 में डेढ़ साल जेल में गुजारने पड़े। रॉकी के बाद 'नाम' जैसी इक्का-दुक्का फिल्मों को छोड़कर संजय दत्त को कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी लेकिन 1993 में रिलीज हुई खलनायक सुपरहिट रही।
2003 में आई 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले और संजय दत्त को नई छवि मिली।
संजय दत्त के जीवन में सबसे ज्यादा संकट हथियार रखने के मामले से ही आयी। 12 मार्च , 1993 के बम धमाकों से पहले मुंबई में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। उस दौरान संजय के पिता ने पीड़ित लोगों की बहुत मदद की थी। उसी में कुछ लोगों ने जब सुनील दत्त का विरोध किया, तो पुलिस ने सुनील के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी। उसी दौरान संजय को लगा कि पब्लिक उन्हें कभी भी निशाना बना सकती है। अपना यह डर संजय ने दुबई में डी कंपनी के लोगों से जब शेयर किया, तो मैग्नम म्यूजिक कंपनी के मालिकों समीर हिंगोरा और हनीफ कडावाला के जरिए डी कंपनी ने संजय के घर ये हथियार भिजवाए थे।
ये है संजय दत्त की फैमिली
मालूम हो कि संजय दत्त के तीन बच्चे हैं। पहली पत्नी ऋचा शर्मा से उनकी सबसे बड़ी बेटी त्रिशला है। ऋचा की मस्तिष्क में ट्यूमर से मौत हो गई थी। दत्त के दो जुड़वां बच्चे शाहरान व इकरा हैं। इन्हें उनकी दूसरी पत्नी मान्यता ने जन्म दिया है। दत्त ने 2008 में 52 साल की उम्र में मान्यता से विवाह किया था।
1.Ak 56 रखने वाले हरामखोर को घर का खाना, पंखा और तमाम सहुलियते।
BIKE रखने वाली साध्वी को निर्वस्त्र करके प्रताड़ना।। वाह रे भारत का कानून।
2.मिडिया छाती फाड़ फाड़ कर रो रही है एक हत्यारे के जेल जाने पर।। कभी ये आंसू कश्मीर के हिंदुओं के लिए भी मिडिया दिखाती।।।
गद्दार दलाल मिडिया..
3.संजय दत्त के जेल जाने से मिडिया की हालत उस प्रकार हो गयी है जैसे कोई वैश्या का स्थायी और अमीर ग्राहक चला गया है।
जय बाबा बनारस ....

Tuesday, May 14, 2013

अल्पसंख्यक जो कर्मयोगी है


भारत में एक अल्पसंख्यक पारसी भी है जो कर्मयोगी है इसलिए वे अल्पसंख्यक होने बावजूद कभी न तो सरकार से आर्थिक सहायता की माग की न ही आरक्षण जैसा मुद्दा उठाया है, अल्पसंख्यक होने के नाते उनका कभी हिन्दू समाज से टकराव नहीं हुआ उस समाज ने सरकार से न तो कोई धार्मिक अधिकार मागे और न ही राजनैतिक अधिकार के लिए संघर्ष किया इसके बावजूद उस समाज से कई संसद और मंत्री व प्रतिष्ठित राजनेता हुए इसी समाज ने नाना पालकीवाला और टाटा जैसा लब्ध प्रतिष्ठित वकील और उद्द्योगपति दिया, इस समाज ने कभी भी भेद-भाव का अनुभव नहीं किया . 
और एक तरफ आप के दुसरे अल्पसंख्यक है जिनका  नेता संसद मैं वन्देमातरम का बहिस्कार करता है 
और एक और है इनका नेता जो की हैदराबाद मैं कहता है की बस १ ५ ,मिनट दे दो ......अल्पसंख्यक।।।।।।।। जय बाबा बनारस ....

Monday, May 13, 2013

सम्मेलन

जिधर देखता हू  उधर तू  ही तु है।।।।

जो पार्टिया कभी ब्राम्हण सम्मेलन तो कभी वैश्य सम्मेलन तो कभी दलित सम्मेलन करके हिन्दुओ को तोड़ने का काम करती है
वही पार्टी हिन्दू सम्मेलन क्यों नही करती ? क्या ब्राह्मण, वैश्य और दलित हिन्दू नही है ? हम पहले हिन्दू है बाद में कुछ और।।।।

जय बाबा बनारस .....

Saturday, May 11, 2013

हरामी की परिभाषा

1.एक बार एक अरबी लंदन में टैक्सी कैब में बैठा और ड्राईवर को गाना बंद करने को कहा ,
टैक्सी ड्राईवर ने पुछा क्यों ,अरबी ने कहा की संगीत कुरान में वर्जित है .
 उस ड्राईवर ने कहा की जब कुरान लिखी गयी थी उस समय कार की भी खोज नहीं हुई थी ,
और उस ड्राईवर ने कैब को रोक कर उस अरबी को बाहर निकाल कर कहा की अब तू यहाँ बैठ कर ऊंट का इंतजार कर .

2.शांतिप्रिय इस्लाम में चुनाव भी हराम है क्या ?? या अल्लाह नहीं चाहता की पाकिस्तान में चुनाव हो ??

वो पाकिस्तान में आज सुबह से शांतिप्रिय अमनपसंद मजहब वालो ने 5 विस्फोट करके 90 पाकिस्तानी जो की इस्लामी ही थे को मार दिया है | सैकड़ो घायल अस्पतालों में बिस्तर पर पड़े या तो मौत का इंतज़ार कर रहे है या फिर जिंदगी का ||

क्या यही है अमन का मजहब इस्लाम जिसकी दी हुयी शिक्षा के चलते विश्व भर के ५३ मुस्लिम देश तबाही की कगार पर आ खड़े हुए है ??

क्या इसी इस्लाम की शरिया के तहत भारत के मुसलमान वन्दे मातरम् गाने से मना कर देते है ??

3.इस्लाम बोलता है शराब मत
पियो .....मुसलमान शराब पीतेे
हैं .....इस्लाम बोलता है बैंक में
पैसा जमा कर के ब्याज मत
खाओ .....मुसलमान वो भी करते
हैं .....इस्लाम बोलता है काफिर के
द्वारा बनायीं गयी चीजों का इस्तेमाल
मत करो ....मुल्ले वो भी करते हैं ....कोर्ट
कचेरी में कुरआन की झूटी कसम तक खा लेते
हैं .....तब इनका धर्म खतरे में
नहीं आता .....लेकिन वन्दे मातरम बोलने
में इनकी गा@# सुलघ
जाती है .....पूरा धर्म १ वन्दे मातरम में
याद आ जाता है 
४ .आज हम हरामी की परिभाषा लेकर आये है,
सहमत हो तो शेयर जरूर करें!! 

इस्लाम में तस्वीर रखना हराम है ,मूर्ति रखना हराम
है ,टीबी देखना हराम है यहाँ तक कि मातृभूमि के
प्रति आभार व्यक्त्त करने के लिए वन्दे मातरम
बोलना तक आराम है,पर सभी मुसलमान अपने घरों में
सलमान खान शाहरुख खान जैसे
फ़िल्मी सितारों की तस्वीरें लगाते हैं, दिन रात
टी वी देखते हैं नशा करते हैं हुक्का पीते हैं इस तरह
से तो ये सभी हरामी हुए!!!!

जय बाबा बनारस ......

Friday, May 10, 2013

जन्मभूमि की वंदना

वन्दे मातरम गाओ और जिसको नहीं गाना है वो अपने देश पाकिस्तान वापस जो। 
ये गद्दारी का बीज एक मुसलमान की संतत्ति नेहरुद्दीन की देन  है जिसने बन्दे मातरम को सिर्फ मुसलमान तुष्टिकरण के कारण राष्ट्रगान का गौरव नहीं दिया । 
हम गर्व से कहते  हैं की हम हिन्दुस्थान में रहते हैं वन्देमातरम गाते है शायद वो इसे नहीं गा पाएंगे जो माँ के रिश्ते को न समझते हुए सिर्फ स्त्रीलिंग को अपनी हवस पूर्ति का साधन मानते है… वो जन्मभूमि की वंदना  करे भी तो कैसे?????


जय बाबा बनारस 

Thursday, May 9, 2013

।। वन्दे मातरम् ।।

वन्दे मातरम् 
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् । 
शुभ्रज्योत्स्ना-पुलकितयामिनीं 
फुल्लकुसुमितद्र-ुमदलशोभिनीं 
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ--कल-कल-निनाद-करा-ले
कोटि-कोटि-भुजैर-्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे- मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।


जो कल सदन छोड़ कर भाग गया समझो वह वतन का नहीं .....
जय बाबा बनारस ....

Wednesday, May 8, 2013

सही समय

अगर जरुरत से ज्यदा विश्वास कभी कभी ज्यदा खतरनाक होता है

आज सुबह सुबह बुद्धू बक्से ने यह साबित कर दिया अपनों को समझा बुझा कर अपने साथ रखना बहुत जरुरी होता है नहीं तो पुराने बढे बूढ़े कुछ कहावत कह गए है वह आज के दौर मैं भी बिलकुल खरी उतरती है

आप के सबसे बड़ा दुसमन कौन हो सकता है ?

१. अपना सगा भाई ...
२. धरम पत्नी .
३. आपका सबसे करीबी  दोस्त
४. आपका ड्राईवर
५. आपका रसोई बनाने वाला
६. आप खुद

अब काम  की बात ..
१. बीजेपी ने लात मारी मदन लाल खुराना को दिल्ली वालो ने हमेशा के लिए लात मारी बीजेपी को।।।
२. बीजेपी ने कल्याण सिंह को लात मारी यूपी की जनता ने बीजेपी को लात मारी
३. बीजेपी ने येद्दयुरप्पा को लात मारी कर्णाटक की जनता ने बीजेपी को लात मार दी ...

सबको अपनी औकात सही समय पर पता चल जाती है ... अब भी समय है अगर समहल गए तो सम्हाल गए नहीं तो हो गया जय सिया राम ,जय सिया राम ....

जय बाबा बनारस .....

Monday, May 6, 2013

जापानी छिपकली

जापानी छिपकली एक कहानी

एक जापानी अपने मकान की मरम्मत केलिए उसकी दीवार को खोल रहा था। ज्यादातर जापानी घरों में लकड़ी की दीवारो के बीच जगह होती है। जब वह लकड़ी की इस दीवार को उधेड़ रहा तो उसने देखा कि वहां दीवार में एक छिपकली फंसी हुई थी। छिपकली के एक पैरमें कील ठुकी हुईथी। उसने यह देखा और उसे छिपकली पर रहम आया। उसने इस मामले में उत्सुकता दिखाई और गौर से उस छिपकली के पैर में ठुकी कील को देखा। अरे यह क्या! यह तो वही कील है जो दस साल पहले मकान बनाते वक्त ठोकी गई थी। यह क्या !!!! 
क्यायह छिपकली पिछले दस सालों से इसी हालत से दो चार है? दीवार के अंधेरे हिस्से में बिना हिले-डुले पिछले दस सालों से!! यह नामुमकिन है। मेरा दिमाग इसको गवारा नहीं कर रहा। उसे हैरत हुई।यह छिपकली पिछले दस सालों से आखिरजिंदा कैसे है!!!
बिना एक कदम हिले-डुले जबकि इसके पैर में कील ठुकी है! उसने अपना काम रोक दिया और उस छिपकली को गौर से देखने लगा। आखिर यह अब तक कैसे रह पाई औरक्या और किस तरह की खुराक इसे अब तक मिल पाई। इस बीच एक दूसरी छिपकली ना जाने कहां से वहां आई जिसके मुंह में
खुराक थी। 
अरे!!!!! यह देखकर वह अंदर तक हिल गया। यह दूसरी छिपकली पिछले दस सालों से इस फंसी हुई छिपकली को खिलाती रही।
जरा गौर कीजिए वह दूसरी छिपकली बिना थके और अपने साथी की उम्मीद छोड़े बिना लगातार दस साल से उसे खिलाती रही।आप अपने गिरेबां में झांकिए क्या आप अपने जीवनसाथी के लिए

ऐसी कोशिश कर सकते हैं?
सोचिए क्या तुम अपनी मां के लिए ऐसा कर सकते हो जो तुम्हें नौ माह तक परेशानीपर परेशानी ठाते हुए अपनी कोख में लिए-लिए फिरती है? और कम से कम अपने पिता के लिए, अपने भाई- बहिनों के लिए या फिर अपने दोस्त के लिए?

गौर और फिक्र कीजिए अगर एक छोटा सा जीव ऐसा कर सकता है तो वह जीव क्यों नहीं जिसको ईश्वर ने सबसे ज्यादा अक्लमंद बनाया है?


जय बाबा बनारस .....

Saturday, May 4, 2013

प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है

एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्यातिदूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...

एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मे चढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये दिए और सीट पर जाकर बैठ गए

कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है

पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा

कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहे है आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे

मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आ गया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे

कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?

पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए

ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी

पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय पर मुझे थाम लिया....!

जय बाबा बनारस ....